लैला- मजनू यानि एसकोकेरिया एवरग्रीन पौधे की जानकारी शेयर करते हुए मैं आपसे बता देना चाहती इसे लकी पौधा भी कहते हैं।इसक इ अनेकों नाम है। इसके पत्ते उपर हरा और नीचे लाल होता है।इसकी लम्बाई पांच फीट तक हो सकती है। इसमें वेरिगेटेड भी आता है। कहा है जाता है जिस घर में यह रहता है वहां परिवार में खुशियां आती है, आपसी प्रेमभाव बना रहता है। चलिए आज इस पौधे के बारे में कुछ इस खूबसूरत प्लान्ट को क्या चाहिए देखते हैं।
(१) मिट्टी- गमलों में लगानी हो तब, अपने यहां की मिट्टी देखते हुए उसमें रेत मिलाएं। मैं ४० फीसदी मिट्टी ४० फीसदी रेत२० फीसदी गोबर खाद+ पत्ते की खाद मिलाकर गमले में देती हूं।
(२) पानी- मिट्टी में नमी रहनी चाहिए, एकदम से सूखने से पहले पानी डाल दें।
(३) धूप-- आप लैला - मजनू के गमले ऐसी जगह रखें जहां छाएवाली धूप में रखें।
(४) खाद-बीज महीने में एक बार कम्पोस्ट, वर्मी ,
पत्ते की खाद या गोबर की खाद दें। सर्दी में बढना रूक जाता खाद न दें।
(५) कैसे लगाएं- इसे आप आसानी से कटिंग से लगा सकते हैं।
(६) कांट-छांट- इसे अच्छे शेप में रखने के लिए काटते रहें।अनचा अन ब्राच हटा दें।
(७) मल्चिंग- नमी बरकरार रखने के लिए मल्चिंग कर दें।
(८) काटने पर दूध निकलता है परन्तु जहरीला नहीं होता फिर भी अगर आपकी स्कीन सेंन्सेटीव है तो सतर्क रहें।
(१) मिट्टी- गमलों में लगानी हो तब, अपने यहां की मिट्टी देखते हुए उसमें रेत मिलाएं। मैं ४० फीसदी मिट्टी ४० फीसदी रेत२० फीसदी गोबर खाद+ पत्ते की खाद मिलाकर गमले में देती हूं।
(२) पानी- मिट्टी में नमी रहनी चाहिए, एकदम से सूखने से पहले पानी डाल दें।
(३) धूप-- आप लैला - मजनू के गमले ऐसी जगह रखें जहां छाएवाली धूप में रखें।
(४) खाद-बीज महीने में एक बार कम्पोस्ट, वर्मी ,
पत्ते की खाद या गोबर की खाद दें। सर्दी में बढना रूक जाता खाद न दें।
(५) कैसे लगाएं- इसे आप आसानी से कटिंग से लगा सकते हैं।
(६) कांट-छांट- इसे अच्छे शेप में रखने के लिए काटते रहें।अनचा अन ब्राच हटा दें।
(७) मल्चिंग- नमी बरकरार रखने के लिए मल्चिंग कर दें।
(८) काटने पर दूध निकलता है परन्तु जहरीला नहीं होता फिर भी अगर आपकी स्कीन सेंन्सेटीव है तो सतर्क रहें।
0 Comments