श्रीलंकन टगर एक बहुत ही खूबसूरत फूलों वाला पौधा है।यह एवरग्रीन प्लान्ट है। इसकी लम्बाई डेढ़ मीटर तक जा सकती है। यह एसिया में खाकर श्रीलंका में पाया जाता है।यह Apocynaceae Sanskrit से ताल्लुक रखता है।
(१) श्रीलंकन टगर को आसानी से कटिंग से लगा सकते हैं।
(२) गमले में लगानी हो तों मिट्टी अच्छी ड्रेनेज वाली रखें यानि मिट्टी में रेत मिला लें।
(३) यह फूलों वाला पौधा है इसे धूप चाहिए।
(४) पानी- मिट्टी नम रखें, पानी रुके नहीं।
(५) खाद- इसमें गोबर , पत्ते, बोनमील, के अलावा Npk10-10-10 दें सकते हैं।
(६) पौधे सालों भर फूल देते हैं। पौधे को कांट-छांट करते रहे।
(७) यह मेडिसिनल प्लान्ट है। इसके बार्क का जूस डिसेन्ट्री में, पत्ते स्कीन प्रोबल में, बीज बुखार, डायरिया, डिसेन्ट्री तथा पेट के कीड़ों में लाभदायक है।
(१) श्रीलंकन टगर को आसानी से कटिंग से लगा सकते हैं।
(२) गमले में लगानी हो तों मिट्टी अच्छी ड्रेनेज वाली रखें यानि मिट्टी में रेत मिला लें।
(३) यह फूलों वाला पौधा है इसे धूप चाहिए।
(४) पानी- मिट्टी नम रखें, पानी रुके नहीं।
(५) खाद- इसमें गोबर , पत्ते, बोनमील, के अलावा Npk10-10-10 दें सकते हैं।
(६) पौधे सालों भर फूल देते हैं। पौधे को कांट-छांट करते रहे।
(७) यह मेडिसिनल प्लान्ट है। इसके बार्क का जूस डिसेन्ट्री में, पत्ते स्कीन प्रोबल में, बीज बुखार, डायरिया, डिसेन्ट्री तथा पेट के कीड़ों में लाभदायक है।
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