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माधवीलता / Hiptage Benghalen

माधवीलता को अनेको नाम से पुकारा जाता है- अतिमुक्ता, चन्द्रावली,हैलीकौपटर फ्लावर और भी बहुत से नाम है।माधवीलता देता है खूशबू से भरा गार्डेन । एक एवरग्रीन, पेरेनियल बेल ( vine ) है। यह बहुत आसानी से लगा सकते है।इसे धार्मिक फूल भी समझते है और घरों में लगाना शुभ मानते है।
(१) स्थान-- माधवीलता साउथ इस्ट एसिया, थाईलैंड, मलेशिया,भारत, श्रीलंका, बंगला देश सभी जगह मिलता है।
(२) फूल-- उथला,गुलाबी एक पेटल पीला एक यूनिक दिखनेवाला होता है।
(३) कैसे लगता-- इसे बीज और कटिंग से लगा सकते है।
(४) उचाई-- माधवीलता दस से बारह मीटर तक चली जाती है।
(५) यह बहुत जल्दी बढता है। देखभाल भी अधिक नही चाहिए। यह हार्डी प्लान्ट है।
(६) धूप -- यह धूप और कम धूप में भी रह लेगा लेकिन धूप में फूल अधिक देगा।
(७) कहां लगाए-- जमीन या गमले में लगा सकते है।
(८) खाद-- गोबर या पत्ते की खाद दे सकते है।
(९) पानी-- गमले में मिट्टी सूखने न दे।
(१०) बीजों का वितरण-- इसके बीज हेलीकॉपटर के जैसे तीन विग्स वाले होते है जो हवा से उड़कर दूर दूर चले जाते है।
(११) यह इन्सेक्टिसाईड प्लान्ट है।
(१२) यह मेडिसनल पौधा है।यह कफ अस्थमा अनेक बिमारियों में उपयोगी है।
(१३) तुलसी के पौधे के समान इसे भी हौली प्लान्ट माना गया है। माधवीलता से सम्बन्धित कई कहानियां है।कवि कालीदास ने बहुत कुछ लिखा है।कहते है माधवी विष्णुजी की पत्नी है। अगर इसे आम ( जिसे विष्णु मानते है ) के उपर चढा दिया जाए तो घर में सुख संम्पदा भरी रहती है।घर में खुशी आती है।
(१४) यह तेजी से बढनेवाली बेल है इसे काटते रहें।

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