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तरकीब मुझे बता जाओ

अब खुद आओ आकर तुम मुझ से मिल जाओ।
या फिर मिलने की कोई तरकीब मुझे बता जाओ।

दिल बेचैन है मैं भी बेताब हूं फासले दरमियान मिटा जाओ।
तोहमतें रुसवाईयों से न डरो इल्ज़ाम मेरे सब मिटा जाओ।

मुहब्बत का जाम पीने वाले अंजाम से डरा नहीं करते।
ऐसा नहीं मेरे शहर का मंजर बदल गया।
होगा भी क्या फरिश्तो के खैरो बरकत से।

मंजर बदल कर क्या होगा गर सितमगर नहीं बदले।
मेरे चाहने वालों ने ही जब पत्थर उठा लिया।
उनसे क्या डरना जो आए गैरों के जानिब से।

आपके दयार में आकर कुछ कहने को जी करता तो है।
मिसाल दूं तो दूं किसका ? तू तो बेमिसाल है।
जीनत बनी वह यह मेरी खुशनसीबी की बात है।

किसी ने फूल तो किसी ने पत्थर मारे।
पत्थर से यारों घर बना फूलों से सजा लिया।
जिन्दगी हमारी थी हमने हंसकर गुजार दिया।

जब भी पूछोगे हाल मेरा खुश ही बताऊंगा।
तुमको न हो मायूसी सच को छूपाऊंगा।
झूठ बोलना गर गुनाह है रब माफ़ करेंगे।
माफ़ी न दें खुदा तो सज़ा सर चढ़ाऊंगा।
वादा है जीतें जी तेरा मैं दिल न दुखाऊंगा।




  • गैरो-के-जानिब-से

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