फलों का राजा आम
आम को फलों का राजा कहते हैं। इसका वैज्ञानिक नाम मेगीफेरा इन्डिका है।इसकी चार सौ से अधिक प्रजातियां हैं। खाने में स्वादिष्ट होने के साथ बहुत से विटामिन और रेशों का भंडार है।
(१) ऊंचाई- इसकी ऊंचाई दस से चालिस फीट तक जा सकती है।
(२) फल- विभिन्न आकार और स्वाद में मिलते हैं। यह वार्षिक और कुछ बरमासी होता है।(३) फूल- इसके फूल को मंजर या बौर के नाम से जाना जाता है। फ़रवरी में मंजर आते हैं। फूल सुगंधित होते हैं जो पूरे वातावरण को महका देते हैं।
(४) फल- फल भी से सितंबर तक चलते हैं।
(५) कब लगाए- बहार या फिर बरसात में लगाने चाहिए।
(६) कैसे लगाएं- आम को बीज से भी लगाया जा सकता है। बीज से लगाने पर फल आने में देर होती है। आम ग्राफ्टेड या एयरलेयरिग से लगाने चाहिए।
(७) कहां लगाएं- आम जमीन में लगाने चाहिए। गमले में लगानी हो तब आप थाईलैंड या आम्रपाली जैसी किस्मों को लगाएं।
(८) गमले- आम गमले में लगाने में कम से कम बीस इंच का गमला लें।
(९) मिट्टी- गमले की मिट्टी में ५०% मिट्टी २०% रेत २०% गोबर खाद १०% हड्डी चूड़ा मिलाकर लगाए।
(१०) धूप- आम को पूरी धूप में रखें।
(११) पानी- गमले की पानी चेक करते रहे।
(१२) प्रूनिंग- आम की जो टहनी फल देती अगले साल आराम करती है। फल उतारने के बाद पुरानी टहनी हटा दें।
(१३) खाद- आम को अच्छी खुराक दै। १५-२० दिनों के अंतराल पर गोबर खाद, हर प्रकार की खलबली, बोनमील, NPK- 0-3-6 / साथ ही माइक्रो न्यूट्रियन्स के लिए खाद दें। आम को थोड़ी मात्रा में जिंक, मैगनेसियम, कैल्सियम, कोवाल्ट,मैंगनीज, बोरोन, सल्फर, कौपर भी चाहिए। इप्सम साल्ट भी दे सकते हैं।
(१४) मंजर- मंजर आने से १५दिन पहले गलानोफिक्स नाम की दवा अल्फानेकस्लीन का घोल का उपयोग अच्छा रहता है।
(१५) बिमारी- आम के पेड़ पर फंगल, पाउडरी मीलडीयू, का प्रकोप होने पर सल्फर फंगीसाईड, कौपर फंगीसाईड तथा नीम आयल का छिड़काव करें।
(१६) बीस ग्राम पोटैसियम नाइट्रेट या कैल्सियम नाइट्रेट एक लीटर पानी में मिलाकर एक ग्राम यूरिया मिलाकर पत्ते, तने सब पर छिड़काव करें फल अधिक और अच्छे आएंगे।पन्द्रह दिनों बाद फिर से छिड़काव करें।
(१७) फूल या फल नहीं आने पर पौधे को स्ट्रेश दें-
मिट्टी में नमक मिलाकर, पानी बंद कर, खाद बंदकर, पेड़ के पास धूंआकर, और तने पर हथौड़े से प्रहार करें।![]() |
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