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ख्वाबों में आना नहीं छोड़ा


तेरी नज़रों के शुरूर में जाने कैसे कैसे बहक गए।

तेरी नज़र का कमाल है हम गिरते गिरते संभल गए।

यादों से तेरी मेरे घर में उजाला है आज तक।

मुद्दत गुजर गई ख्वाबों में तूने आना नहीं छोड़ा।

मेरा वहम था तुझे देखे हुए मुद्दत गुजर गई।

मुंह फेरकर जानेवालों ने ख्वाबों में आना नहीं छोड़ा।

ख्वाबों में तूने तो आज भी आना नहीं छोड़ा।






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