हम सबके तुम प्यारे थे चौबीस तुमको न भूल पाएंगे।
तुम्हारे आने की खुशी मनाएं थे जाने की खुशी मनाएंगे।
नये का स्वागत करू या पुराने को अलविदा करूं।
आंखों में आंसू रहे तो कहो होठों पर कैसे मुस्कान धरूं।
अपनी गलती को याद करूं या माफी का इंतजार करू।
मुझको बता दे कोई अब जाकर कहां फरियाद करूं।
कुछ गलत हुआ कुछ सही हुआ अब किस-किस का हिसाब करूं।
तुम भुला दो मेरी सारी गलती मैं भी अब तुमको माफ करूं।
कुछ दोस्त खफा हो गए कुछ नए आकर जुड़ गए मुझसे।
अब तुम ही कहो पुराने को रोऊं या नये का सम्मान करूं।
कोई लाख कहें फिर भी चौबीस तू लौटकर नहीं आना।
दर्द रहेगा हम सबको सदा जो दर्द देकर तू है जानेवाला।
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तू अपनी सारी सौगात ले जा हमें नया साल मनाने दें।
जाते- जाते बस इतना भर तू कर जाना चौबीस।
जो भी झोली खाली दिखे उस झोली को भर जाना चौबीस।
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