प्यार मुहब्बत आता नहीं सबके क़रीब हो जाता हूं।
मैं तो बस हरेक के दर्द में शामिल मिल हो जाता हूं।
दुनिया की नज़रें अकेला छोड़ जाती है।
जब साया भी अपना साथ छोड़ जाती है।
तन्हाइयों में बस एक तेरी याद आती है।
आंसू बगैर भी भींगी रहती है मेरी आंखें।
किसी मोड़ पर जब दर्द बेइंतहा बढ़ जाती है।
सोने से भी अक्सर जगा जाती है तेरी यादें।
जग जाओ रुला देती हैं भूली बिसरी यादें।
बहुत दर्द देती है भूली बिसरी यादें।
बहुत दर्द देती है, भूली बिसरी यादें।
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