Ticker

6/recent/ticker-posts

Header Ads Widget

Laltain jalane se pehle sisha saaf kar lo

(1)

वह भी एक जमाना था, यह भी एक जमाना है।

माचिस बचाने के लिए दूसरे के चुल्हे से आग लाया जाता था।

अब बीड़ी जिगर के आग से सुलगाई जाती है।

रेडियो पर बिनाका गीत माला पहले सामुहिक सुना जाता था।

आज ईयर फोन लगा दूसरे को सुनने से बंचित रखा जाता है।

(2)

इंजीनियर बनने की होड़ में बाप दादा की जमीन बेच रहा है मुंडा।

टू बी एच के पैंतीस मंजिली घर में लिफ्ट से आता जाता है मुंडा।

ढाई फीट के बालकनी में नेनुआ खीरा उगा रहा है मुंडा।

आलम यह है आज न घर का रहा, न घाट का मुंडा।

(3)

ऊंची शिक्षा दिला घरवाली को अपने,

 ख़ुद को पत्नी विहिन बना रहा है मुंडा।

पुराने संस्कारों को छोड़कर,

नया लबादा पहन आया है मुंडा।

सरकारी नौकरी मिली नहीं, 

इत्र लगा ईगो दिखा रहा हैं मुंडा।

कोट- टाई से आभूषित होकर भी,

Ekyebhijamanahaiekwobhijamanatha

अविकसित मानसिकता पाया है मुंडा।

(4)

सोच रही मैं बहुत खुश होंगे तुम,

देखा तो पाया तुमको मुंह लटकाए।

पुराने दिनों को याद कर लो,

आओ फिर पुरानी बात कर लो।

घर के छप्पर पर चढ़े नेनुआ,

लौकी कोहरे की बात कर लो।

ठंड से सिकुड़ते हाथ घूर पर सेंको,

दिल चाहे तो आग को छेड़ो।

लालटेन जलाने के पहले,

तेल डालो शीशा साफ़ कर लो।


Post a Comment

0 Comments