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Tera bichurna aajtak khalta raha

बीच राह में तेरा बिछड़ना आज तक खलता रहा।

मैं रुकी मुड़कर भी देखा पर तू सीधे चलता रहा।

ज़ख्म का पता था फिर क्यू दिल गमजदा

रहा।

रात भर बिस्तर में लेटकर मैं कैक्टस चुनता रहा।

खैरात खाने वाला अब खुद्दारो पर भारी हो रहा।

चांद-सूरज को पूछे कौन जूगनू ही जहां पूजता रहा।

Happy valentine's day

मौत और जिन्दगी में यूं तो था छत्तीस का आंकड़ा।

मगर दोनों में गुफ्तगू छुप - छुप कर चलता रहा।





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