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Kuch gujar gaya kuch thahar gayahar lamha Jane kidhar gaya

कुछ गुजर गया, कुछ ठहर गया हर लम्हा जाने किधर गया।

वक्त जो बीता है तन्हाई में,जो तेरे साथ बिता वो निखर गया।

तेरे इश्क का रंग फिजा में गुलाब पंखुड़ी सा बिखर गया।

ऐसे तो हर एक लम्हा जिंदगी के लिए खास होता है।

वो लम्हा जिसमें तू साथ हो वह खासमखास होता है।

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