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क्या लिखूं क्या नहीं मुझे कुछ पता नहीं

किताबें इश्क में मैंने कुछ लिखा नहीं।

क्या लिखूं क्या नहीं मुझे पता ही नहीं।

मर्ज हमसे वो अपना कभी बताते नहीं।


बताए वगैर हकीम इलाज करते ही नहीं।

क्या पाया क्या खोया मुझको पता नहीं।


कहानी है पर किरदार का है पता नहीं।

ढेरों उलझनें है सुलझाएं कैसे पता नहीं।


मुहब्बत हो गई उनसे जताना आया नहीं।

कैसे बुलाते है महबूब को आया ही नहीं।


जी ली पूरी की पूरी जिंदगी हमने अपनी।

जीते कैसे है लोग अब तक पता ही नहीं।


पैसे कमाने के हजारों तरीके सीखें।

खर्चने का सलीका हमें आया ही नहीं।

मुहब्बत जताने आया ही नहीं 


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