मुहब्बत तो मुहब्बत है जब होती है बेइंतहा होती है।
व्यापार नहीं जो नाप-तोल का हिसाब रखती है।
उम्मीद रहे जो रिश्तों में उम्मीद सदा बरकरार रहे।
दूरी हो तो बस इतनी हो हर पल तेरा इंतजार रहे।
जमाना चाहे खब्ती कहे हमें तो बस एक खब्ती की तलाश रहे।
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Har pal Tara intjar rahe |
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