असत्य से सत्य ओर
हर दिन सूरज का निकलना।
उम्र का एक दिन बढ़ जाना।
जिंदगी का एक दिन कम हो जाना।
मौत का एक कदम आगे बढ़ आना।
जिंदगी सदा से साधन रही है।Jindagi Sadhan hai Sadhy nahi
और मौत हमेशा साध्य रहा है।
दोनों आगे बढ़ती जाती है।
इनका मिलना परमसत्य है।
यहीं तो है जिंदगी का सफ़र
असत्य से सत्य की ओर....
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