दिल की नाफरमानी
तुझे छूने की इजाजत नहीं
दिल की नाफरमानी
मुझे छूने गले लगाने की इजाजत कभी दी नहीं तुमने।
मैं बार-बार भावनाओं और एहसास को जीती रही।
जब बेताबी को सम्भाल नहीं पाती पहुंच जाती थी।
बस एक झलक जो मेरे दिल को सुकून दे जाती थी।
वह भी कहां गवांरा हुआ जनाब पाबंदी लगा दी तुमने।
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पूरी जिंदगी लग जाती अपने को बेगुनाह साबित करने में।
रिश्ते बचाने के लिए मैंने अपने को गुनहगार मान लिया।
दिल की नाफरमानी तो देखो बगावत कर बैठा हमसे।
मुझे पर इल्ज़ाम लगा बैठा मैंने हर पल हर घड़ी साथ दिया।
तुमने तो अपने साथ मुझे भी गुनहगार बना दिया।
अब देखना तुम मैं कभी भी आपका साथ नहीं देने वाला।
जिस वक्त मेरी शख्त जरूरत होगी मैं गैरहाजिर मिलूंगा।
नगीना शर्मा
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