Baquit aur Halat
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Kitab jindagi ki |
जिंदगी के किताब के सारे पन्ने आप नहीं लिखते।
कुछ पन्नों पर वक्त और हालात का कब्जा रहता है।
बस जो भी लिखे जाए इमानदारी और सच्चाई हो।
कुछ ऐसे पन्ने जो लिखने के बाद खुद पढ़ते रहते है।
सबसे छुपा कर अंधेरे में पढ़ा जाने वाला पन्ना।
वह धरोहर है जो आपको जिंदगी से भी प्यारा है।
जिंदगी तेरे कुछ पन्नों को मैंने मोड़ कर रखा है।
कुछ खाश अवसर पर कुछ खास लोगों के लिए।
किताब पूरी होने पर आप नाम पता जानना चाहेंगे।
नाम कई चेहरे लिए होते हैं,पता अक्सर बदल जाते हैं।
हम और आप हर पल जिन्दगी की कहानी लिख रहें होते है।
जिंदगी मुकम्मल हो ना हो मौत कहानी मुक्कमल कर देती है
हर कहानी को किरदार कहां मिला करता है।
हरेक किरदार के मुकद्दर में कलम नहीं होती है।
किरदार भी हो कलम भी हो तभी कहानी मुक्कमल होती है।
हजारों अधूरी कहानियों के यहां - वहां पन्नों बिखरे होते हैं।
कहानी से किरदार लुप्त हो जाए तो कहानी मज़ाक बन जाती है।
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