![]() |
चाहत के विपरीत होता है |
उसकी दुआ में असर ना हो
1- तपती धरती की यही पुकार।
पेड़ लगाओ 🌴 पेड़ बचाओ।
2- कद को चाहे जितना लंबा कर लो।
आने वाला कल देख सकते नहीं।
3- सुख क्षणिक होता है।
दुःख शाश्वत होता है।
जो कुछ भी होता है हमारे
चाहत के विपरीत होता है।
4-
सुख को चाहना छोड़ दो।
दुख से भागना छोड़ दो।
दुख को क्षणिक और
सुख को शाश्वत पाओगे।
5़-- जन्नत में आप किसे रखेंगे खुदा।
कौन है यहां जो गुनहगार नहीं है।
देखने को तो दिखते हैं सब इंसान यहां।
इंसानियत का कोई नामो निशान नहीं है।
6 - टूटी हुई उम्मीद हो जितने तेरे ।
ख्वाहिशें उससे भी ज्यादा रखों।
सफर मुश्किल हो चाहे जितना।
चलने का हौसला बरकरार रखों।
7 -
वो शख्स अगर कभी भी मुझे भूलने की दुआ करें।
ऐसा करना मेरे खुदा उसकी दुआ में असर ना हो।
चलने का हौसला बरकरार रखों।
0 Comments