एक तू था जो मुझसे प्यार कर बैठा
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हर पल मैं तेरे पास हूं |
सबने कहा अपना ख्याल रखना।
तुमने कहा मैं तेरा ख्याल रख लूंगा।
तुमने कहा था उदास मत होना।
मैं पास ना सही आसपास हूं ना।
पलके बंद कर दिल में झांकना।
हर पल मैं तेरे ही ख्यालों में हूं ना।
बहुत दूर तक तो नहीं चली थी मैं।
लौटने में सफ़र लम्बा वो कर गया।
सोची थी तेरे पास कुछ सामान छोड़े।
हमारे कुछ सपने कुछ अरमान छोड़े।
तेरे लिए कुछ अपनी भी निशानी छोड़े।
दें जाए बीते सुनहरे लम्हों की सौगात।
जिसको चाहा उसे चाहत रही औरों की।
एक तू था जो मुझसे ही प्यार कर बैठा।
अजीब मंज़र है किसीको यकीन नहीं है मुझपर।
एक तू था जो मुझ पागल पर भी ऐतबार कर बैठा।
सब मिलने से कतराते रहें मुझसे तू तमाम उम्र इंतजार कर बैठा।
मैं जिसका इंतजार करती रही वह किसी और से प्यार कर बैठा।
दिल में छुपकर बैठा था तू मैं तुम्हें मंदिर मस्ज़िद में तलाश कर बैठा।
2
अजीबो ग़रीब हाल देखा है इस जमाने का।
गुरु भी छोड़ देते साथ मंदबुद्धि शिष्य का।
हर गुरु को चाहिए शिष्य धनुर्धर अर्जुन सा।
सोचती हूं कहां जाएगा मंदबुद्धि वरदराज सा।
करत-करत अभ्यास ते जड़मती होत सुजान।
रस्सी आवत जात ते शिल पर पड़े निशान गाता रह गया।
जिसे ढूंढती रही मंदिर मस्ज़िद में वह मेरे दिल में बैठा रह गया।
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