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नज़रें उठाकर तो देखो |
सुकून खोजने वालों से एक सवाल।
अगर मिल गया तो फिर क्या खोजोगे ?
आंखें बंद कर महसूस कर लिया करते हो।
वह सामने खड़ा दिख जाए तो क्या करोगे?
बीते लम्हों की यादों में उसे लाकर तो देखो।
कभी अपनी उदासी यूं मिटा कर तो देखो।
कितनी बार भी टूटो या बिखरों तिनकों में।
तिनकों को समेट फिर से उठकर तो देखो।
यह संसार परिवर्तनशील है यह तथ्य जानते हो।
सब बदलते हैं यहां खुद को बदल कर तो देखो।
तू ना सही कोई और सही और नहीं कोई और।
एक तूं ही नहीं महफिल में नज़र उठाकर तो देखो।
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