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मेरा नाम पुकारो तो उसका निकले |
(1)
खुदा जिंदगी में ऐसा दौर ना आए
जब मेरी पसंद पर अफसोस आए🌴
मेरे होने पर उसकी चाहत रखता है।
मेरा नाम पुकारो तो उसका निकले।
मेरा दिल केवल तेरा प्रेम पहचाने।
वह कौन है बस तू और वो जाने।
मेरा प्यार भी देखो कैसा पागल है।
ना मरता है ना तुमसे रुठ पाता है।
(2)
मीठी ज़हर तो हर दिन पीया करती थी।
कल उसने पूरी ग्लास ही पकड़ा दिया।
यह कहते हुए मुझसे नहीं देखा जाता है,
यार तुमको यूं घूट- घूट कर मरते हुए।😀
(3)
किसी को दर्दे देकर जो मुस्कुराता है।
वह इंसान नहीं वो शैतान कहलाता है।
जो दूसरों के लिए जीवन जीता है।
वह मर कर भी कहां मरता है। 😀
(4)
कैकेई ने बचन में अगर गहने के सौगात मांगें होते।
राम केवल राम होते, पुरुषोत्तम राम नहीं होते।
अर्जुन अपने बाहुबल पर युद्ध के लिए तैयार हुए होते।
महाभारत जरुर होता परन्तु गीता ज्ञान नहीं होते।
दुर्योधन अगर नारी का अपमान नहीं किया होता।
नारी रक्षक कृष्ण का भी धरा पर अवतार नहीं होता।
(5)
सुनो वह पापी नहीं है
वह तो बस हत्यारा है।
पापी होने का इल्ज़ाम है
इल्ज़ाम साबित होने तो दो।
तब तक उसे हत्यारा रहने तो दो।
उसने खुद अपने अरमानों की हत्या की है।
दोस्तों से खुद्दारी की उम्मीद कर गुनाह की है।
दोस्तों से खुद्दारी की उम्मीद रखना गुनाह है?
मैंने ऐसा कब कहा ऐसे दोस्त बनाना तो गुनाह है।
भरोसा टूटा है उसका अब विश्वास से डरने लगा है।
(6)
समझ ना सको ऐसे प्रेम की चर्चा करते क्यों हो।
एक सौ आठ रानियां थी कन्हैया के,
फिर कहो राधा के लिए वह रोया क्यों?
प्रेम की प्यासी थी क्यों दीवानी मीरा,
ज़हर को अमृत समझ पिया क्यों?
(7)
समंदर से गहरी मैं नारी हूं,
तुम कितने कंकड़-पत्थर मारोगे?
तुम्हारे पास है इतने दर्द कहां ?
हम जितनी सहने की आदी है।
हमें दें खूबसूरती का तगमा,
कब तक धोखे से मारोगे।
मैं मां बहन बेटी ही नहीं,
तेरे प्रेम प्रीत की अधिकारी हूं।
अब समझो न तुम अबला नारी।
हम सीता ही नहीं दुर्गा काली है।
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