आज पांच उपहार का जिक्र करती हूं जो तब मिलते हैं जब हम इन 9 बाधाओं में फंस जाते हैं, कहीं भी जाने- अनजाने #अटक# जाते है।
(1) दुःख या संताप
हम सभी अपने जीवन में दुःख का अनुभव करते हैं।
कहीं भी अटकने पर
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अटकने पर 5 गिफ्ट मिलता है |
दुःख का आना-जाना लगा रहता है। जितना अधिक हम दुःख के बारे में शिकायत करते हैं, उतना ही अधिक यह महसूस होता है। हम अपने जीवन की अच्छी चीजों को भूल जाते हैं और केवल नकारात्मकता पर ध्यान केंद्रित करते हैं।
दुःख के बारे में बातें कर हम अपने वो दिन भूल जाते हैं जो खुशी के थे। उनको धन्यवाद नहीं देते ना ही उस पल के लिए कृतज्ञ होते हैं।
खुश लोग कृतज्ञ नहीं होते, बल्कि कृतज्ञ लोग ही खुश होते हैं।
( 2) दौर्मनस्य /कड़वाहट
जब हम लंबे समय तक किसी चीज़ या व्यक्ति से असंतुष्ट रहते हैं,तो यह धीरे-धीरे कड़वाहट में बदल जाता है। यह करवाहट चिड़चिड़ापन का जन्म देती है।
उदाहरण: -
नकारात्मक व्यक्ति को चारों तरफ हर पल समस्या दिखाई देता है।
यूं कहें नकारात्मक व्यक्ति हर समाधान में भी समस्या ढूंढ लेता है।
एक चिड़चिड़ा व्यक्ति हर चीज़ में हर इंसान में दोष निकालता है और कभी संतुष्ट नहीं होता।
( 3) अंगमे जयत्व/ शरीर पर नियंत्रण खोना
हम जानते हैं कि हमें योग करना चाहिए, लेकिन शरीर बिस्तर से उठने से इनकार कर देता है। हम जानते हैं कि हमें अधिक खाना नहीं चाहिए, लेकिन फिर भी खाते रहते हैं। यह तब होता है जब हम अपने शरीर पर नियंत्रण खो देते हैं और यह हमें गलत दिशा में ले जाता है।
जानते हुए सही क्या है हम अपने आप पर अंकुश नहीं लगा पाते।
उदाहरण:-
मोबाइल में लगे रहना, टी वी पर सारा समय देना। मधुमेह से ग्रस्त होने पर भी मीठी चीजे खाने से नहीं रुक पाना।
( 4 ) श्वास-प्रश्वास, अनियमित श्वसन
जब भी कोई इंसान क्रोधित, दुखी या परेशान होता हैं, तो उसकी सांसें असामान्य हो जाती हैं। हमारी हृदय गति बढ़ जाती है और सांसें तेज़ हो जाती हैं। योगा में हमें श्र्वसन पर जोर दिया जाता है।
योग के रास्ते ही हम इन नौ बाधाओं में फसने से बच सकते हैं।
योगाभ्यास आध्यात्मिक और भावनात्मक प्रगति के मार्ग पर ले जाती है ।
दृढ़ संकल्प हमे आत्म-विकास और योग मार्ग पर लें जा सकता है।
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