![]() |
अधूरे सपनों की कसक एक तरफ |
तेरे जाने का मलाल एक तरफ,
तू जाकर भी नहीं गया,
यह सवाल एक तरफ़ ?
इच्छाओं को समेटने का मलाल एक तरफ।
जिंदा रहने की जद्दोजहद एक तरफ़।
अधूरी नींद का मलाल एक तरफ।
अधूरे सपने की कसक एक तरफ?
तेरी अनवरत चुप्पी का मलाल एक तरफ।
मेरे अंतःकरण में मची हलचल एक तरफ।
तेरे चेहरे की मुस्कान एक तरफ।
देख ना पाने की कसक एक तरफ।
तेरे *कैसी हो पूछने का अंदाज-ए-बयां एक तरफ।
क्या जबाब दूं ? यह मेरा सवाल एक तरफ।
अदावत जिंदगी तुमसे,
शिकायत उनकी एक तरफ।
सांसों का बवंडर थामने की,
कोशिश मेरी एक तरफ।
हूनर देखो बंदर का कलंदर बांध रखा है।
अदब महफूज़ रखने का सवाल एक तरफ।
बदलते दौर में हर शख्स अपना सा दिखता है।
कौन खंजर छूपा रखा है- यह सवाल एक तरफ।
तेरी बेरूखी फिरका परस्ती का मलाल एक तरफ।
मेरे रवैए क्यों और कैसे बदलें--सवाल एक तरफ।
बड़ी जहमत से मैंने अपने सांसों को संभाला है।
तूफ़ान फिर आने कि ख़बर का डर एक तरफ।
0 Comments