जरुरी थोड़ी है ?
सब्र करना, मन को मारने से,
अलग थोड़े है।
अत्यधिक सहनशीलता मौत से,
कम थोड़े है।
तेरे ज़ख्म मुझे ना दिखे दिल,
भावविहीन थोड़े है।
चीखने की आवाज सुनाई ना दे,
हम बहरे थोड़े है।
उम्मीद टूटने से हताश है तू,
यह विरक्ति थोड़ी है।
ध्यान(Meditation )कोई तूफ़ान आने से पहले की, शांति थोडे़ है।
जिंदगी में,सारी ख्वाहिशें पूरी हो जाए,
जरूरी थोड़ी है।
सबको सारे अल्फाज़ बोल दिए जाएं,
जरुरी थोड़ी है।
मन तो मतवाला है सबसे मिल जाए,
जरुरी थोड़ी है।
तेरी दुनिया से दूर हो लिए इसमें,
मेरी गलती थोड़ी है।
मन की व्यथा ना कहूं तुमको इतनी,
बेगानापन थोड़ी है।
मुझे हारते देख मुस्कुराने वाला 😀
मेरा अज़ीज़ थोड़ी है।
तुम्हारे पसंद का लिवास पहनूं मैं,
नुमाइशी सामान थोड़े है।
किसी के किरदार पर सवाल उठाना,
मजाक थोड़ी है।
बर्बादी के बाद फिर से शुरुआत करना,
आसान थोड़ी है।
अंतिम विदाई में आंसू आंखों का साथ दें,
जरुरी थोड़ी है।
(2)
"जरूरी थोड़ी है" — एक विस्तार
धूप में जलते रहो, ये तपस्या की पहचान थोड़ी है।
हर मुस्कान के पीछे सुकून हो, ये निशानी थोड़ी है।
जो चुप है, वो सहमत है—ये समझदारी थोड़ी है।
हरएक रिश्ता निभाना पड़े, ये जिम्मेदारी थोड़ी है।
जो टूट गया, वो बिखर गया—ये कहानी थोड़ी है।
हर हारनेवाला कमजोर हो, यह निशानी थोड़ी है।
जो लौटे नहीं, वो बेवफा है—ये रवानी थोड़ी है।
हरेक विदाई में शिकवा हो, ये रवायत थोड़ी है।
जो दिखे नहीं, वो खो गया—ये दूरी थोड़ी है।
हर खामोशी में साज़ हो, ये बंदिशें थोड़ी है।
जो समझ ना आए, वो गलत है—ये सोच थोड़ी है।
हर सवाल का जवाब मिले, ये बात ज़रूरी थोड़ी है।
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