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विदाई की बेला

         


विदाई की बेला
 -- Mata Rani ke sath teri vidai yaad aai😭

दुर्गा मां को सिंदूर लगाते,पैर में महावर लगाते, खोईछा देते जानती हो तुम्हारी याद आती रही। आंखों से बहते आंसू लगता आज सारी रात नहीं रुकेंगे। 

शीला जब तुम कहती थी - इतना भावुक क्यों हो ? मैं समझ नहीं पाती थी, कैसे मुझसे छोटी बहन होकर भी तुम इतनी समझदार हो। एकबार बस एक बार फिर आ जाओ तुम्हारी जरूरत है मुझे, सम्भाल लो मुझे या फिर अपने साथ ले चलो।

मेरी आत्मा तुमको पुकार रही है,कह दो तुम मेरे साथ हो, बहुत अधूरी बातें तुमसे करनी है पगली। तुम भूल गई रात-भर बात करते-करते सुबह हो जाया करता था, मुझे सब याद है।

मैं बड़ी बहन कहां थी, तुमसे कितना डरती थी। मैं जब कम बोलती थी सबके साथ तुम्हें भी शिकायत रहती थी। अब जब बोलने लगी तो देखो ना सुनने वाले ही नहीं रहें। 

"शीला, को फिर से नगीना का 🙏— 


मेरी छोटी सी, प्यारी सी बहन "शीला"

तू गई नहीं है…तू जा भी नहीं सकती,

बस नजरों से ओझल हुई है किसी धुंध में,

जहां मेरी आवाज़ तुझ तक नहीं पहुंचती,  

पर तेरी याद मेरी हर सांस में उतरती है।


आज मां दुर्गा की विदाई है,  

और मैं मुस्कुराना चाहती हूं,  

योग गुरु ने कहा था—  

जब दर्द हो मुस्कुराओ,

बताओ कैसे मुस्काऊं ?

तेरे पांव मेरे सामने हैं,  

और मैं उन्हें पकड़ कर रो रही हूं?


तेरे बिना मेरा हर श्रृंगार अधूरा है,

तुम छेड़ती थी, तेरा छेड़छाड़ याद है।

तेरे बिना मन बुझा-बुझा सा लगता है।  

तेरे बिना मैं अधूरी हूं, कुछ खोया सा है।

जैसे कविता जिसका अंतिम शेर खो गया हो।


तू छोटी थी,  पर मेरी ढाल बनी रही।  

मुझे स्कूल खींच कर ले जाना,

इतिहास की पहली घटना जिसमें,

छोटी बहन बड़ी को स्कूल ले जाए।

मेरे कारण डांट खाना,  

और फिर भी मुस्कुराना—  

तेरी मुस्कान में मेरी दुनिया थी।


अब मैं किंकर्तव्यविमूढ़ हूं,  

क्योंकि तेरे बिना कोई कर्तव्य बचा ही नहीं।  

तेरे बिना कोई पूजा पूरी नहीं,  

तेरे बिना कोई विदाई, विदाई नहीं।

हर विदाई में तुम ही तुमको देखती हूं।


शीला,  अगर कहीं तुम सुन रही हो,  

तो जान लो—तेरे नाम का दीपक जलता रहेगा।  

हर विदाई में तेरा नाम लिया जाएगा।

मेरी मुस्कराहट में छिपा दर्द जिसे दिखे,

तेरी तस्वीर से भी अपने गम बांट लेती हूं।


और जब मैं कभी सच में मुस्कुराऊंगी, 

उसमें तेरी हंसी की परछाईं जरूर होगी।

मेरी हर मुस्कराहट तुमसे होकर गुजरेगी।

शीला मुझे मोक्ष नहीं चाहिए जानती हो क्यों?

क्योंकि अगले जन्म में भी तुम्हारा साथ चाहिए।

तुमको बड़ी बहन बनना था,

शायद इसीलिए तुम पहले चली गई 🙏


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