अंतर्मन से जाने क्या कुछ खिसक गया शौक ए मंजिल की तरफ़ क़दम बढ़ाते गए। रास्ते में पड़े पत्थर को हमसफर बनाते गए। खाकर ठोकरे कभी फिसले कभी संभलते गए।…
Read moreसोचती हूं तुमको क्या लिखूं 🤔 सोचती हूं तुमको क्या कहूं। सूरज सी उजली धूप हो तुम। चहुं ओर फैला प्रकाश लिखूं। तुम लगते हो दीप मंदिर जैसे। मृगतृष्णा …
Read moreजिस कंधे पर सर रख दुनिया भूला सको जिंदगी है, जीने दो मुझे मेरे हिसाब से। मरने पर जला लेना तू अपने हिसाब से। रिश्तों को बचाने हेतु चुपचाप सहना हो। स्…
Read moreअंत को अंततः बना डाला आत्मसम्मान को गिरवी रखा अनमोल अमूल्य धरोहर मान उपहार जुटा रखा। मैंने अपने जीवन का जिसको आधार बना रखा। बस कुछ शब्द…
Read moreएक पुरानी कहानी सुनी-सुनाई चार दोस्त—एक हिंदू, एक मुस्लिम, एक सिख, और एक ईसाई—सफ़र पर निकले थे। रास्ते में उन्हें एक विशाल और भयंकर नदी मिली, …
Read moreDe tachment का अर्थ और महत्व* 1. *संबंधों में स्वतंत्रता* असंग Detachment का अर्थ यह नहीं है कि व्यक्ति प्रेम या संबंधों को त्याग दे, बल्…
Read more**संस्मरण: जब रावण ने फ़ोन किया** एक शाम की बात है। चाय की प्याली हाथ में थी, माहौल शांति से भरपूर था। तभी अचानक मेरे पति का फ़ोन बजा। उन्होंने …
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