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मैं खोया हुआ वक्त हूं ढूंढते रह जाओगे


बहुत कर ली कोशिश जमाने ने तोड़ने की रिश्तों को।
फरिश्ते हमेशा से बचाते आए हैं रूह से जुड़े रिश्ते को।

इम्तिहान की इस घड़ी में संभलकर चलना मुनासिब है।
जो रास्ता सही है बस उस पर चलना ही मुनासिब है।

ख्वाब देखने भर से तमन्नाओं के मंजिल नहीं मिलते।
वक्त के साथ चलना पड़ता है मंजिल को पाने के लिए।

आईने में आज मेरा चेहरा धुंधला सा दिख रहा।
दाग चेहरे पर लगे थे मैं आईना साफ करता रहा।

लौट आएगी खुशियां अभी कुछ गमों का दौर है।
फैली है वीरानगी सुनो यह मुश्किलों का दौर है।

खुद मेरी आंखों से ओझल मेरी हस्ती हो गई।
जो अल्फाज थे मेरे मुझको ही अब चुभने लगे।
जब मेरी हस्ती ही मुझसे प्रश्न सारे पूछने लगे।

जबसे झोली में मेरे कुछ अल्फाज तेरी दुआओं के आने लगे।
मेरी तकदीर सवरने लगी नींद से हम सोने लगे।
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इतनी कृपा मेरे ईश्वर बनाए रखना।
जो रास्ता सही हो उस पर चलाए रखना।
ना दुखे दिल किसी का मेरे शब्दों से। इतनी सद्बुद्धि सदा मुझमें बनाए रखना ।

हर रात को सुबह का इंतजार रहता है।
खुशबू को मौसम का इंतजार रहता है।

जो भी खुशी या गम मिले उसको तुम अपनाओ दिल से।
वक्त बदल जानी है वह किसी का इंतजार नहीं करता।

मैं खोया हुआ वक्त हूं ढूंढते रह जाओगे तुम।
गुजर गया वक्त वो कभी लौटकर नहीं आता।
वक्त हंसाती है तो हंस लो दिल से तुम।
वक्त के बदलने में समय नहीं ‌लगता।

वक्त की कीमत जो पहचान पाओगे।
सामने मंजिल को खड़ा तुम पाओगे।

फिसल गया अच्छा वक्त रेत की तरह।
जीवनभर रोओगे और तुम पछताओगे

इतना आसान नहीं है जमाने में मुहब्बत करना।
हवा के झोंको से तेरा पता पूछने की जुर्रत करना।

माना दूर बहुत है मेरे शहर से उसका शहर।
मुहब्बत या इबादत में कहां है दूरी का बसर।
मुहब्बत इबादत में दूरियां नहीं होती

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