एक सुकून की तलाश में रहते हैं दुनियावाले।
जाने कितनी बेचैनियां पाल लेते हैं जमानेवाले।
तेरे इंसान की फितरत में यही लिखा है ऐ जिंदगी।
तुझे संवारने कि चाहत में तुझको ही भूल जाते हैं।
तुझे संवारने कि चाहत में गुजर जाती हैं जिंदगी।
तुझे जीते नहीं है लोग बस गुजार देते हैं जिंदगी।
अपनी फ़िक्र मेंऔरों की भी बिगाड़ देते हैं जिंदगी।
बस,,,,
जाने कितनी बेचैनियां पाल लेते हैं जमानेवाले।
तेरे इंसान की फितरत में यही लिखा है ऐ जिंदगी।
तुझे संवारने कि चाहत में तुझको ही भूल जाते हैं।
तुझे संवारने कि चाहत में गुजर जाती हैं जिंदगी।
तुझे जीते नहीं है लोग बस गुजार देते हैं जिंदगी।
अपनी फ़िक्र मेंऔरों की भी बिगाड़ देते हैं जिंदगी।
बस,,,,
नोट - विडियो शेयर की हूं - BOKARO GARDEN
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