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आंख खुलते दिल ने तुम्हें पुकारा

 हम हारेंगे कुछ इस क़दर तुमसे यह वादा रहा।

तुम जीत कर भी रो दोगे यह मेरा दावा रहा।

जब भी अपने जीत की खुशी मनाओगे।

आंसूओं को आंखों में छलकता पाओगे।

आंख खुलते दिल ने तुम्हें पुकारा।

महकी महकी सी हो गई सुबह।

सोचता हूं ख्वाबों में आया था कौन।

दिल में जिक्र बस तेरा ही आया।

होंठों पर हंसी नम आंखों को पाया।

तुम इधर से गुज़र हो शायद।

हवा के झोंके से संदेशा हैं आया।

दिल ने फिर से तुमको पुकारा।



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