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रतजगो की थकान में पाओगे बेकरारी के निशान

 तुम दूर रहो या पास रहो रिश्तों में प्यार भरपूर रहे।

दूरी हो पर बस इतनी हो हर पल तेरा ही इंतजार रहे।


उम्मीद रहे जो रिश्तों से वो उम्मीद सदा बरकरार रहे।

रिश्तों में हो उम्मीद बस इतना पूरा होने का विश्वास रहे।


टूट जाए उम्मीद भले अपना रिश्ता सदा बरकरार रहे।

प्यार भरे रिश्ते में प्यार हो ना कभी उसमें व्यापार रहे।


बाजार जाना मना है जेब भी खाली है।

दिल की चाहत है गोल-गप्पे खानी है।

ऐसे में काश कुछ ऐसा हो जाए।

पानी पूरी लेकर तू सपने में आए।


मेरी नज़रों में अपना ही इंतज़ार पाओगे।

जब कभी भी लौटकर तुम यहां आओगे।


ढूंढोगे मेरी आंखों में रतजगो का थकान।

दिल में पाओगे तुम बेकरारी के निशान।


ख़ामोश इल्तिज़ा थी हवा में कहीं कोई शोर नहीं।

सुनाऊंं क्या वफ़ा की दास्तां उनको एतबार नहीं।


हवा से मिलती कैसे खुशबू तुम्हारे आने जाने की।

गुंजाइश ही नहीं रही जिक्र ए बहार आने की।


 

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