थोड़ा - थोड़ा थका हूं, पर थोड़ा सा थकना बाकी है।
मंजिल सामने ही है पर मंज़िल तक पहुंचना बाकी है।
कांटों से थी रंजिश उसने फूलों पर निकाल दी
फूलों की बेगुनाही उनको समझाना बाकी है।
फासले बढ़ा गई है दोनों के बीच अजीब सी दुरियां।
दो कदम पर घर है पर मिलना उसका बाकी है।
बहुत कमजोर महसूस करता हूं लोगों की भीड़ में।
लोगों से घिरा हूं पर खुद से मिलना बाकी है।
किस्मत के अंधेरे दूर करने को कर्म की लौ बढ़ाएं।
औरों का घर जलाकर ना रोशनी अपने घर में लाएं।
1 Comments
Nice lines
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