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खुद को जख्मी कर खुद ही परेशान हो

जिंदगी भी भयंकर लगने लगे,

सपने सारे टूटकर बिखरने लगे

जब खुद का होना निर्रथक लगे,

कोई दुश्मन नहीं फिर भी परेशानी लगे,

टूटे सपनों को फिर से जोड़ना सीख लो।

दीप बन दुसरो के लिए जलना सीख लो।


खुद को जख्मी कर खुद ही परेशान हो।

क्या हुआ है तुझे सोचकर कर मैं हैरान हूं।

टूटे सपनों को फिर से जोड़ना सीख लो।

दीप बन दुसरो के लिए जलना सीख लो।

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