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हम दूर रहें या पास रहे

Dil tuta tha Kai bar 


कलम बस अपने हाथ रहें

दिल टूटा था कई बार मगर ऐसे तो हालात ना थे।

जख्म खाई थी पहले भी दिल में कसक दिन रात न थे।

बदलते लोग और हालात में पहले भी रोये थे मगर यह बात न थी।

ऐसा लगता है मैं भी तुम ही थे, मेरी तो कोई औकात न थी।

पाकर तुमको खुद को खोया जिंदगी की तलाश हुई।

तुमको खोकर जिंदगी से फिर से मुलाकात हुई।

हमने जो की थी मुहब्बत जिक्र उसकी सालों-साल हुई।

जब भी तुम्हारी याद आई तुमसे मिलने की फरियाद हुई।

देखना था कितना बदले तुम इन बदले हुए हालातो में।

2)

ऐसा लगता है मुझको तुम कुछ अलग सा था।

रिश्ता तो बेनामी था पर शख्स अपना सा था।

न जाने कब कैसे तेरे ख्यालों में गुम हो जाती हूं।

ख़ुदा की इबादत भूल तेरे दर पर ख़ुद को पाती हूं।

रिश्ता टूटा नहीं फिर भी अब पहले जैसी भी बात नहीं।

मुहब्बत वो हिसाब है,जिसमें कोई फर्मूले की दरकार नहीं।

ज़िन्दगी बीत जाती है जनाब रिश्तों में मिठास लाने में।

आपको तनिक दर्द भी न हुआ इसे तोड़ कर जाने में।

आप क्या गए नींद ने भी नाता तोड़ा अनमनी सी हो गई।

दिन बे ठिकाना, बेचैन और रातें अब लंबी हो गई।

मेरा दिल मेरा ना रहा, इसे आशिकी तुमसे हो गई।


2)

जब भी तुम्हारी याद आई तुमसे मिलने की फरियाद हुई।

देखना था कितना बदले तुम इन बदले हुए हालातो में।

ऐसा क्यों लगता है मुझको तुम कुछ अलग सा ही था।

रिश्ता तो बेनामी था पर शख्स तो अपना सा ही था।

न जाने कब कैसे उसके ख्यालों में गुम हो जाती हूं।

ख़ुदा की इबादत भूल तेरे दर पर ख़ुद को पाती हूं।

रिश्ता टूटा नहीं फिर भी अब पहले जैसी भी बात नहीं।

जब भी तुम्हारी याद आई तुमसे मिलने की फरियाद हुई

सफर ही सफर आया जिंदगी में, हमसफर कहीं खो गया।

आसमान तो आसमान मेरे हिस्से की ज़मीं भी खो गई।

सफर ही सफर आया जिंदगी में, हमसफर कहीं खो गया।

आसमान तो आसमान मेरे हिस्से की ज़मीं भी खो गई।

एक तस्वीर है तुम्हारी जिसका दीदार करते रहते हैं।

हम दूर रहें या पास रहे अपने पन का एहसास रहे।

चाहे जैसे भी हालात हो कलम बस अपने हाथ रहें।





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