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क्षणिकाएं

1)


क्षणिकाएं

2 )

बात-बात पर आंसू निकालता है कोई लगता है खामोशी से टूट रहा है कोई। 

आईना का आमना - सामना करने से डरता है कोई।

गैरों के भीड़ में अपनों को ढूंढता फिरता है कोई।


किताब से कुछ निकाल कर सूंघता रहता है कोई।

छत पर बैठकर घंटों आकाश को घूरता रहता है कोई।


2)

रिश्ते को स्टैंड बाई मोड पर रखें

खुद व खुद ऑफ होने दो।

इल्ज़ाम लगाना छोड़ दो।


स्टैंड बाई मोड पर रख दिया 

रिश्ता खुद अपनी मौत मरा।

इल्ज़ाम से तुमको बचा दिया।

मरते हुए भी एहसान ही किया।

 

3)

कल्पना में जब भी विचरती हूं।

तुमको बस अपना मान लेती हूं।

जब तुम साथ ना मेरे होते हो

मैं खुद को बस तेरा मान लेती हूं।

ख्यालों में ऐसे ही जी लेती हूं।

प्रेम को जी भरकर जी लेती हूं।


4)

कोई आपको पाना चाहता 

आप किसी को पाना चाहते 

इसकी अहमियत नहीं रहती।


मायने रखती है वह कौन है ?

जो आपको खोना नहीं चाहता

जिसको आप खोना नहीं चाहते।


5)

अपना औकात नहीं भूलती ताकि।आपको मेरी औकात बतानी पड़े।


चाहनेवालों से फुर्सत मिले तो

तुम मुझसे बात कर लेना।

तेरे अपने जब दिल दुखाए तो 

तुम मुझसे बात कर लेना।

जब सबका दिल भर जाए तो 

तुम मुझसे बात कर लेना।

जब तुमको कोई छोड़ के जाए तो 

तुम मुझसे बात कर लेना।

अगर गम कोई तुमको सताएं तो

तुम मुझसे बात कर लेना।

रातों को यदि नींद ना आए तो 

तुम मुझसे बात कर लेना।

अकेला पन जब तुम्हें डराए तो 

तुम मुझसे बात कर लेना।

दिल अगर कभी टूटने लगे तो 

तुम मुझसे बात कर लेना।


मुझे अपनी औकात पता है

तुमको अपना पता नहीं हो तो 

तुम मुझसे आकर मिल लेना।

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