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मुहब्बत कोई तिजारत तो नहीं |
तिजारत कर सकता है मोहब्बत कर नहीं सकता।
भरे हो पेट जिनके मोहब्बत उनकी फितरत में है।
खाली पेट हो जिसके वो मोहब्बत कर नहीं सकता।
मुहब्बत कोई तिजारत नहीं
कितना दिया कितना पाया
इसका हिसाब लगाया नहीं।
अपने से ज्यादा विश्वास रखा
तुमको कभी आजमाया नहीं।
मेरी कमी भी महसूस हो तुम्हें
ख़ुदा ने मुझे ऐसा बनाया नहीं।
तुम्हें पसंद है मेरा हाथ थामना।
मैने हाथ में मेहंदी लगाया ही नहीं
तुमको पसंद है हाथ में हाथ रख चुपचाप बैठना।
मैंने अपने हाथ में कभी मेहंदी लगाया ही नहीं।
मौनीबाबा को पसंद थी तुम्हें देखते जाना।
और तुम्हें मुझे चिढ़ाने वाली बातें करना।
ना मैंने चिढ़ना छोड़ा ना तुमने चिढ़ाना।
तेरे बोलने पर चुप रहो कहने वाली मौनी
हाथों में हाथ डाल फिर से सुनना चाहती।
वही तेरी बेतूकी बातें जो उसे पसंद नहीं थी।
तुम कहते थे मैं तुम्हारी कमजोरी हूं।
मैं तेरी कमजोरी बनना चाहा ही नहीं
मेरी पसंद थी तुम्हारी हिम्मत बनना।
तुम सही हो पर मैं ग़लत थी ही नहीं।
हम दोनों अलग-अलग ग्रहों के सही।
साथ-साथ रहने के लिए बने ही नहीं।
लेकिन दूर इतनी दूर चले गए हो तुम।
मेरी आवाज तुम तक पहुंचेगी ही नहीं।
कागज पर चलते फिरते शब्द जाने कब।
मौन हो जाए बिखर जाए पता ही नहीं।
ना कोई मेरी चाहत है ना कोई मेरा सपना।
अगले जन्म में तुम मिलो तो बनकर अपना।
इश्क़- विश्क क्या होता है पता ही कहां था।
तुम से मिली और पूरी उम्र तेरे नाम हो गई।
तुमको खोकर बहुत रोया
सोचती हूं तुम थे कब अपना।
अब मैं रोऊं तो मनाना नहीं
मुझे अपने सीने से लगा लेना।
अपने सीने से लगकर रोने देना।
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