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मैंने तुम्हें कई बार रोते देखा है

तुम्हारी चाहत ने मुझे शोख बना रखा था

मैंने तुम्हें रोते हुए एक बार नहीं कई बार देखा है 


एक बात पूछनी है इजाजत दो तो पूछें।

अब भी तुम वही हो या तुम बदल गए हो?


रूठने पर तुम जैसे मुझे मानते थे ।

अब भी रूठने पर मनाओगे क्या ?


सर चढ़ा रखा था मुझे शोख बना रखा था।

जितना प्यार करते थे, मुझे करोगे क्या ?


करेले की सब्जी खाते हो बनाऊं।

अब भी नखरे दिखलाते हो क्या ?


अब भी मेरे रोने पर चिढ़ाओगे क्या?

अपना थाली छोड़ मेरा खाओगे क्या?


बचका पापड़ रसोई में जाकर खाते हो।

सलाद से सारे खीरा खा जाते हो क्या?


अब भी श्रृंगार करनेवाली अच्छी नहीं लगती।

मेले जाना,लाल रंग अभी नापसंद है क्या?


मौनीबाबा,मेमसाहब, देवीजी के अलावा।

कोई और नया नाम से भी पुकारोगे क्या?


सोचती हूं अब भी मेरे रोने पर चिढ़ाओगे क्या?

सच तुम्हारे बाद चिढ़ाने वाले को ढूंढती रही हूं।


संतरे छीलके से रुलाने की जरूरत नहीं है।

बहुत रुला चुके पूछो अब आंसू बचे है क्या?


सुनी हूं मर्द को रोते हुए केवल उसकी मां ही देखती है।

मैंने तो तुम्हें रोते हुए एक बार नहीं कई बार देखा है।


बदली मैं भी बहुत हूं जो थी रह कहां पाई।

मैं तो खुद अपने को पहचान नहीं पाती हूं।

अब भी तुम मुझे पहचान पाओगे क्या?


यह पुछना बेईमानी होगी कहो तो पूछें?

फिर बिछड़ना चाहूं बिछड़ने दोगे क्या?


अंतिम सवाल है सोचकर जवाब देना।

पहले जैसे थे तुम, अब हो पाओगे क्या?

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