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मेरे लिए एक सबक हो आप |
हे गुरुदेव भूलना नहीं चाहती हूं।
एक सबक की माफिक हो आप।
तमाम उम्र याद रखूंगी आपको।
आप तो दिव्य ज्ञान की ज्योति हो।
आपसे सीखा भरोसा तोड़ने की कला।
मुझे तमाम उम्र याद दिलाते रहेंगे।
आपने सिखाया वो सबक याद रहे।
सबके काबिल नहीं है हम याद रहे।
दुनिया में रहना है तो अब ऐसा करें।
लोगों को देखने का नजरिया बदलें।
भावुक हृदय को प्रैक्टिकल में बदले।
एक दिन जाना है सबको हमें याद रहे।
जिन्हें जाना है उनको हंसकर विदा करें।
देने और मांगने में सावधानी रखना है।
ना ही बंदर के हाथ में नारियल देना है।
बंदर होकर ना ही, नारियल मांगना है।
आंसू पोछने के लिए अपने रूमाल रखें।
करोना समझ किसी से ना रूमाल मांगें।
आंसू और रूमाल दोनों अपने हो ख्याल रखें।
प्यास में कीचड़ भी पीनी पड़े पी लें।
भूलकर भी ना समंदर से उधार मांगें।
दिल को आराम दें,दिमाग से सदा काम लें।
अमृत समान ज्ञान लें आपसे हम ज्ञानी बनें।
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