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भूली-बिसरी पुरानी यादें

 

    अपने होठ ना सीला करो 

दोस्ती का कुछ भ्रम ही तुम रख लिया करो।

पास नहीं हूं तेरे तो क्या आवाज़ दिया करो।


जब कभी तन्हाइयां सताती हो

कुछ बातें हमसे कर लिया करो।


किसी के बातों को दिल से ना लिया करो।

दर्द छुपाने को अपने होठ ना सीला करो।


अपने दिल की बात जुबां पर ला ना सको तो,

आंखों से कह दिया करो यूं चुप ना रहा करो।


बीते दिन लौटा ना सको कोई बात नहीं।

भूले बिसरे पुरानी यादें ताजा किया करो।


छोड़ना हैं मुझे अगर तो भी हंसते हुए छोड़ो।

जो छवि बना रखी है तेरी धुमिल ना किया करो।

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