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मुझे लगता था उर्दू बांए हाथ से लिखते है |
उर्दू में अक्षरों को हर्फ़ कहा जाता है। इसमें कुल 28 अक्षर होते हैं। हम सभी ने मन लगाकर अक्षर ज्ञान सीख लिया।
मैं सच बताऊं बहुत खुशी मिली। दरअसल मुझे ऐसा लगता था उर्दू बाएं हाथ से लिखी जाती है 😀
अब पता चला नहीं लिखने में दाएं हाथ से लिखते हैं। बस बाएं से दाएं और दाएं से बाएं क़लम चलाने का फर्क है।
ठीक से याद नहीं 2 महीने लगे होंगे हमें अक्षर ज्ञान हासिल करने में या कुछ ज्यादा?
अलेफ,से,पे,.... अक्षर ज्ञान होते हमें ऐसा लगा अब तो सारे जहान की खुशियां मिल गई 😀
विद्यालय में हरेक शिक्षक को महीने में एक बार अपने घर में पार्टी देनी रहती थी, यह दिन पेमेंट का रहता था। विद्यालय में आधी छुट्टी रहा करती थी।
जिस किसी के यहां पार्टी का इतजाम रहता था उन्हें पहले ही विद्यालय से घर जाने की, तैयारी करने की अनुमति मिल जाती थी। जो शिक्षक या शिक्षिकाएं अकेले थी वह किसी रेस्टोरेंट में ले जाकर पार्टी दे या विद्यालय में ही अरेंजमेंट कर लिया करते थे।
अब चलिए ऊपर की तरफ बढ़ते हैं जहां मैं आपको छोड़ कर आई थ। अपने अक्षर ज्ञान होने की खुशी में हम लोगों ने अपने ज्ञान दाता से पार्टी लेने की जिद कर दी।
पार्टी भी सर ही देंगे कारण हम जैसे सुयोग्य चेले मिले थे उनको😀( दरअसल हमारे जूनियर थे, सीनियर की बात माननी थी)
उनके हांमी भरते हम लोगों ने तय किया कि कल टिफिन लेकर नहीं आना है। वादे के अनुसार टिफिन होते हम सभी मार्केट में रेस्टोरेंट की तरफ चल दिए।
ओ माय गॉड यह क्या हो गया। बाल मुड़ाते ओले पड़े वाली कहावत चरितार्थ हो गई। किसी पॅलिटकल पार्टी ने बंद का ऐलान किया था। सारी दुकानें बंद थी।
हम सभी मार्केट मे यहां से वहां भटकते रहे। कुछ तो मिल जाए, चूहे पेट में उछल कूद मचा रहे थे। क्या मजाक जो एक दुकान भी खुली हो, एक कप चाय या एक बिस्कुट का पैकेट ही मिल जाए, इस आशा में हम लोगों ने घड़ी को ही भूला दिया।
थके हारे भूखे पेट हम लोग विद्यालय लौट कर आए। यहां आने पर पता चला 1 घंटी पढ़ाई हो चुकी थी। यहां आने पर क्या स्वागत या दुर्गति हई ? अगले पोस्ट में बताऊंगी।
क्रमशः.....
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