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प्राणायाम और ध्यान 

HaBuild Family 🙏 


एक लंबी पोस्ट, कहने को बहुत कुछ है।


 संदेहात्मक यात्रा, अनमने भाव के साथ शुरू किया,आज मेरी जिंदगी का सबसे अहम हिस्सा बन जाएगा कहां जानती थी दोस्तों। मैं अपने अनुभव शेयर करूं शब्दों की कमी हो जाएगी। योगा ने सिखाया -

जिंदगी गुजार रही थी अब जी रही हूं 😊


*जीवन जीने का सलीका*

सांस भी तो ढंग से नहीं ले रही थी 😀 जन्म के साथ शुरू हुई श्वसन क्रिया भी दुरुस्त नहीं थी यार 😊 उथली सांस के साथ जीवन में नकारात्मकता मिलना था।


माह के अंत में अपनी प्रगति को अंकित करना आसान नहीं,समझ नहीं पा रही शुरू कहां से करूं ?


मैंने जनवरी 2025 में फ्री योगा *Habuild* के साथ अपनी यात्रा शुरू की, तब मैंने कल्पना भी नहीं की थी कि मैं, जो आलसी और अनियमित इंसान, इसे अपनी आदत बना लूंगी।  

मेरी बेटी ने मुझे 21 दिनों का आमंत्रण भेजा था, और मैंने इसे एक परीक्षण के रूप में लिया।

इसके बाद मैंने एक साल की सदस्यता ली, शुरुआत में मुझे अपनी ही क्षमता पर संदेह था। शुरुआत में मेरी लचीलापन बिल्कुल शून्य था। 

पालथी मारकर बैठती पर तुरंत ही इधर-उधर करने लगती थी। सौरभ सर का कहना मान मैंने उतना ही प्रयास किया, जितना सहज महसूस हुआ। 

आश्चर्यजनक परिवर्तन में बताऊं तो मैं जमीन से उठने में परेशानी महसूस करती थी, अब यह परेशानी नहीं होती।


प्रभु कृपा से कोई बिमारी नहीं है, ना कोई दर्द। 

मेरी वज़न सेप्टेंबर से अप्रैल तक में दस किलो बढ़ गया था, कारण घर में खाना बनाना, खाना और जी भर सोना 😂😂

सबेरे सात आठ बजे तक बिछावन पर पड़े रहना 😂


विटामिन डी - चुकि मैं घंटों बगीचे में काम करती हूं कमी नहीं, डायबिटीज या ब्लडप्रेशर की शिकायत नहीं।

एक बिमारी जो है -ओवरथिंकिंग जिससे छुटकारा पाना मुश्किल लग रहा था 😀 

सच कहती हूं गुरुदेव 🙏 आपके सानिध्य से बहुत कुछ परिवर्तन पा रही हूं। अपने इमोशन्स पर कन्ट्रोल आपके मेडिटेशन से पाई👍

कुछ सुधार -


(1) इमोशन्स पर कन्ट्रोल 

(2) सबेरे 5 बजे उठना 

(3) पानी याद से पीना

(4) रात में कम खाना

(5) भोजन रुटीन ठीक 

(6) लम्बी कदम चलना

(7) मोबाईल कम 


मित्रों 2 सुधार की कोशिश जारी है -


पहला दिन में सोना 😀

रात का खाना जल्दी खाना 😥


सहायता समूह से मिलने वाले कोमल प्रोत्साहन और बीच-बीच में आने वाले छोटे-मोटे व्यवधानों के बावजूद, मैंने निरंतर अभ्यास जारी रखा। 

जीवन में आने वाली परीक्षा स्वरूप आने वाले उतार-चढ़ावों के बीच मैंने योग साधना को नहीं छोड़ा। *सौरभ जी* की स्पष्ट और मधुर आवाज़ में दिए गए निर्देश संगीत की तरह कानों में पड़ते, और इस तथ्य ने कि घर बैठे ही योग किया जा सकता है, मुझे इस अभ्यास से जुड़ने में अत्यधिक सुविधा दी।  


मैं स्वीकार करती हूँ कि मुझे अभी भी बहुत कुछ सीखना है, लेकिन मैं निश्चित रूप से बहुत आगे बढ़ चुका हूँ। कुछ दिन शानदार होते हैं, कुछ दिन साधारण, लेकिन अभ्यास जारी रखने का संकल्प दृढ़ हो चुका है। 

*गुरु* हमें केवल 10 मिनट भी जुड़ने के लिए प्रेरित करते हैं—वे उत्कृष्ट मनोवैज्ञानिक हैं! एक बार जब आप क्लास में शामिल हो जाते हैं, तो आपको पूरा सत्र करने की प्रेरणा मिलती है। "अच्छा, इतना कर लो," फिर "थोड़ा और"—और इस प्रकार अभ्यास चलता रहता है।  


योग यात्रा में विभिन्न वर्कशॉप भी आती हैं—चेहरे का योग, लीवर डिटॉक्स, मर्मा, पोषण, बच्चों के लिए समर कैंप—जो पूरे अनुभव को उत्साह से भर देते हैं। *Habuild* में कभी भी नीरसता नहीं होती! धीरे-धीरे यह जीवन का अभिन्न हिस्सा बन जाता है।  


शुरुआत में मैंने कोई भी श्वसन अभ्यास नहीं किया, क्योंकि मेरा मानना था कि सांस लेना एक स्वाभाविक प्रक्रिया है, इसमें सीखने जैसा क्या है? परंतु, कितनी भोलेपन से हम वर्षों तक अपनी ही मान्यताओं में संतुष्ट बने रहते हैं। *नाड़ी शोधन* मेरा पहला श्वसन अभ्यास था, फिर *बॉक्स ब्रीदिंग*, फिर *जीवन की श्वास*, *गहरी उदर श्वसन*—इसके बाद पीछे मुड़कर देखने की आवश्यकता नहीं पड़ी। अब मैं सभी को बताता हूँ कि श्वसन अभ्यास को कभी छोड़ना नहीं चाहिए! अपने जीवन के सातवें दशक में आकर मैंने **वास्तविक रूप से सांस लेना और जीना** सीख लिया है। अब सांस शरीर की प्रत्येक कोशिका तक प्रवाहित होती है और मैं स्वयं को पुनर्जीवित महसूस करता हूँ।  


यह यात्रा अत्यंत फलदायी रही और मेरे जीवन की सबसे बड़ी सौगात बन गई।

 *सौरभ जी* तक पहुँचाने वाली मेरी बेटी के प्रति, जिसने अनजाने में ही मुझे इस जीवन की सबसे अद्भुत यात्रा में प्रवेश दिलाया।  


अंत में, गुरुवार की हंसी अब मेरी **दैनिक आदत** बन चुकी है। हर दिन आनंद और हँसी से भरपूर —नकली हंसी भी चलेगी छोटू मिया वाली 🤣🤣🤣

हंसी नकली हो सौरभ सर 🙏 और HaBuild Family का प्यार और अपनापन**सच्ची और गहरी!** 😊🙏

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