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जिस्म नहीं रुह को छू लिया


 तेरी बाँहों में जो लिपटा मैं,

तेरी बांहों में सिमटकर यूं लगा 🔥

जैसे सुबह की नर्म हवा,  

ज़मीन ने मुझे छोड़ दिया,  

मैं तेरे इश्क़ के आसमान में उड़ चला।


तेरा यूं मुझे गले लगाना मेरे ---

सिर्फ़ जिस्म नहीं, रूह को छू लिया,  

तेरी एक नज़र ने दिल चुरा लिया,  

वो पल अपने दिल में मैंने छुपा लिया।

आज तक नहीं भूला।


हर रात, वो तेरी साँसों की गूंज,

मेरे दिल को हिला देती है।

दूर देश से आती मीठी धुन लगती है,

उस आलिंगन की याद अब भी,

मेरी आँखें नम कर देती है।


तू चला गया, पर मैं ठहर गया,  

उस पल की यादों में कैद हुआ,  

ना भुला ना दिल से निकाल सका,  

तेरे प्यार भरी आलिंगन को।


तेरे आलिंगन में जो सुकून मिला,

उसमें तेरे इश्क़ का जो खुमार था।

जब बहकने लगा तो समझ लगा।

वो तो किसी सूफ़ी का कलाम था।


तेरे इश्क़ ने मुझे वो उड़ान दी,

मेरे पांव जमीं छोड़ उड़ चले।

चमन चमन गगन गगन मै उड़ती चली।

जिंदगी बस तेरे प्यार की ज़रूरत थी।

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