तेरा जाना केवल बिछड़ना नहीं है
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Khud hi mai apana katil raha hu |
शुक्रिया दोस्त, मेरे क़ातिल में तेरा नाम ना आया।
सच कहूं तो मुझे तुम पर भी ऐतबार कहां था ??
मुझे अपनी नासमझी पर शर्मिन्दा होना ही था।
मैं समझता रहा तुमको कातिल।
ख़ुद ही मैं अपना कतिल रहा हूं।
मैं हर ख्वाहिश को मारता रहा हूं।
तेरे हर सवाल का जवाब खाता रहा हूं।
सब समझते हुए नासमझी करता रहा हूं।
सच तो यही है मैं खुद से ही डरता रहा हूं।
मैं वो हूं जो खुद को खुद ही लहू-लुहान करता रहा हूं।
अलविदा कह दिया,पर मैं गया कहां ? यही रहता रहा हूं।
तुमने मेरे प्यार को खेल समझा।
मैं अपनी जिंदगी जिसे समझता रहा हूं।
तेरी कहानी वगैर लिखे भी पढ़ता रहा हूं।
अबकी बार संवरना मुश्किल लग रहा है।
बार-बार गिरता संभलता रहा हूं।
तेरा जाना सिर्फ़ बिछड़ना नहीं है।
सांसों का चलते रहना जिंदगी नहीं है।
मैंने तो अपने आपको तुममें खो दिया था।
तू अलविदा कहकर रुखसत हो लिए था।
जिंदगी बता अब बच रही है उम्र कितनी।
अकेला ही तमाम उम्र मैं चलता रहा हूं।
तेरी यादें आ आकर बता रही हैं तू यहीं है अब तक गया नहीं है।
मैं ऐसी कहानी हूं ना लिखा गया, ना पढ़ा गया बस जीया गया हूं।
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