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कोई मन्नत गवांता है कोई मन्नत मांगने वाला

गवांता है मन्नत मांगने वाला

कहानी अधूरी रह जाती है

तेरी मुहब्बत का असर कुछ ऐसा हुआ है।

वगैर तुमको देखें भी तुमको नज़्मे बना लेते हैं।


तुम्हारी बेमतलब का इश्क में देखो।

कैसे खुद को हम दिवाना बना लेते हैं।


तुम, तुम्हारी चाहत और यादों का सिलसिला।

तुम ही तुम हो मुझमें, अब मेरा रखा ही क्या है?


मुहब्बत पहली, दूसरी, तीसरी नहीं होती है।

इश्क वो होती जो हो जाए फिर नहीं होती है।


बतमीज दिल को देखों धड़कता है मेरे लिए।

हर घड़ी तेरे याद में तड़पता रहता है तेरे लिए।


कुछ रिश्ते खामोशी से एक दूसरे में जीते है।

वगैर कहे सुने भी तमाम उम्र साथ चलते हैं।


याद है कब कहां और कैसे मिले थे हम?

छोड़ों तुमको कहां कब याद रहते हैं हम।


लगता है कुछ तो गंवा दिया है उसने भी।

बड़ा उदास सा लगता है उसका चेहरा भी।


कोई चाहत गवांता है तो कोई चाहने वाला।

कोई मन्नत गवांता है कोई मन्नत मांगनेवाला।


कुछ इंतजार ऐसी होती हैं जिसमें उम्र गुजर जाती है।

कुछ किरदार के चले जाने से कहानी अधूरी रह जाती है।

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