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Tilak bhagya badal de jaruri to nahi

 


Tum mere pass raho nayeno ki talab hai 

नाम या कोई रिश्ते की दरकार नहीं।

एक अहसास काफ़ी है ज़ीने के लिए।


तुम मेरे पास रहो नयनों की तलब है।

मेरे रूह को तो अब तेरी दरकार नहीं।


लगा लेने को लगा ले माथे पर तिलक।

तिलक भाग्य बदल दे जरूरी तो नहीं।


जबाब देने वाले जबाब दे देंगे एक दिन।

सवाल बार- बार दुहराने की दरकार नहीं।


प्यार खामोशी या उपेक्षा से मर जाता है।

इस झूठ का विकल्प हो सकता ही नहीं।


सारे ज़माने ने मुझे ही दोषी ठहराया।

तुमने भी मुझे दोषी समझा तो नहीं।


तेरे मुक्ति की घड़ी आन पड़ी है अब।

दिल है तेरा कि कठोर होता ही नहीं।


जिंदगी उसके बगैर रहना सीख लेगा।

ऐसा लगता है तुम उसे सिखाते ही नहीं।


स्थिरता हो तभी उसको प्रेम कहते हैं।

प्रेम का कोई विकल्प हो सकता ही नहीं।


सभीको समर्पण नहीं आकर्षक की ख्वाहिश है।

कलयुग में आत्मिक प्रेम कहीं दिखता ही नहीं।


तुम्हें जबाब चाहिए क्यों उसने छोड़ा तुमको।

तुम बस विकल्प थे उसकी जरूरत तो नहीं।


अधूरी आकांक्षा लिए ऐ निःशब्द प्रतीक्षा तेरी।

स्मृति में संजोए रखो यह जीत है तेरी हार नहीं।

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