Ticker

6/recent/ticker-posts

Header Ads Widget

खुदारा न पुछिए, रिश्ते और जज्बात

सबके हाल ठीक है सब ठीक-ठाक है।
सही है या गलत बात दुबारा न पुछिए ।

भरे पेट करते प्रभु के दर्शन ।
खाली पेट जूते की रखवाली।

अच्छे दिन आने से भी उनका होगा क्या ?
जिनके जेब रहे सदा खाली के खाली।

किनारा न पुछिए

बुरा वक्त हैं हाल हमारा ना पुछिए।
टूटी हुई हैं नाव किनारा ना पुछिए।

तिनका- तिनका जोड़ कर रखा था जिसे।
माल ले गए उनका नाम खुदारा न पुछिए।

हम बेरहम सही मगर यह महफूज जगह हैं।
गए तो होगा कितना मलाल दुबारा न पुछिए।

ऐसे वक्त में न आप पूछे हमसे कोई सवाल।
सपने भस्म हुए हवन से या कफन की आग।

तन - मन का बंटबारा कर जीवन को जी न पाया।
रिश्ते सौगंध सब झूठे सच की परिभाषा न पुछिए।

आंधी ऐसी चली सबकुछ जलकर राख हो गया।
उड़ते हुए  राख से अब उसका ठिकाना न पुछिए।

घर जलता रहा धू- धू कर जो तमाशबीन थे बने।
क्या हुआ उनको कोई मलाल खुदारा न पुछिए ।

Post a Comment

0 Comments