Bas ek mulakat मेरी प्रिय (जिसे आज भी मन अपना कहता है), जब तुमसे आख़िरी बार मिला था, शब्द नहीं थे हमारे बीच — सिर्फ़ मौन। मगर उस मौन ने जो कह दिया…
Read moreYahi Rahungi Awaaz nahi dungi ढेरों बातें करनी थी तुमसे। छोड़ो अब जाने भी दो.... शायद अब नहीं कर पाउंगी। यही रहूंगी पर आवाज ना दूंगी। बहुत कुछ टूटा ह…
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